मैने उसे बाहों में लेना चाहा लेकिन वो बोली ; जल्द बाज़ी में मज़ा नहीं आएगा. थोड़ा सब्र करो. मैं तुमारी ही हूँ आज की रात.
मैं : मौसी को पता चल जाएगा तो ?
माधवी : तो कुछ नहीं. वो गाँव में ढिंढोरा नहीं पिटेगी.
मैं : एक किस तो दे.
माधवी : किस अकेली ही. ज़्यादा कुछ करोगे तो मैं चली जा उंगी.


मैने माधवी के होठ मेरे होठ से छुए. हाय, कितने कोमल और मीठे थे उस के होठ ? क्या करना वो मैं जानता नहीं था होठ छुए खड़ा रहा. माधवी को लेकिन पता था. उस ने ज़ोर से होठ से होठ रगड दिए और अपना मुँह खोल मेरे होठ मुँह में लिए चाटे और चुसे. मुझे गंदा लगा लेकिन मीठा भी लगा. छूट ने का प्रयत्न किया मैने लेकिन माधवी ने मेरा सिर पकड़ रक्खा था. पूरी एक मिनिट चुंबन कर वो छूटी और बोली : आहह्ह्ह, मझा आ गया. है ना ? पहली बार किस किया ना तुमने ?

बोले बिना मैने फिर से किस की. इस वक़्त माधवी ने अपनी जीभ निकाल कर मेरे होठ पर घुमाई. ओह, ओह, क्या उस का असर ? मेरा लंड ऐसा तन गया की मानो फट जाएगा. माधवी ने पाजामा के आरपार लंड पकड़ कर कहा : भैया, तुमारा ये तो अब से तैयार हो गया है

मुझ से बरदाश्त नहीं हुआ. मैने उसे अलग किया और कहा : चली जा माधवी. मुझे यूँ तडपाना हो तो बहेतर है की तू चली जा.

उस ने मेरा चहेरा हाथों में लिया. कुछ कहे इस से पहले मैने हाथ हटा दिए और फिर कहा : चली जा, चोदे बिना इतने साल गुज़ारे हें, एक दो साल ओर सही. मर नहीं जा उंगा मैं चोदे बिना.

मेरा हाथ पकड़ कर अपने स्तन पर रखते हुए वो बोली : नाराज़ हो गये क्या ? चलो अब मैं नहीं उकसा उंगी. माफ़ कर दो. अब सच कहो, तुम्हे चोदने का दिल हुआ है की नहीं ?
मैं : हुआ भी हो तो तुझे क्या ?

इतने में गच्छी से लड़कियों की खिल खिल हस ने की आवाज़ आई. माधवी ने कहा : चलो, अब खेल शुरू होने वाला है

हम गच्छी में गये वो आगे खड़ी रही और मैं पीछे. कमरे में दुल्हन पलंग पर बैठी थी और दूल्हा उस के पीछे बैठा था. उस के हाथ दुल्हन के कंधों पर थे. उस ने दुल्हन के कान में कुछ कहा. दुल्हन शरमाई लेकिन उस ने सिर हिला कर हा कही. चहेरा घुमा कर दूल्हे ने दुल्हन के मुँह से मुँह चिपका दिया. किस लंबी चली. दौरान कंधे पर से उतर कर दूल्हे के हाथ दुल्हन के स्तनों पर जा बैठे. दुल्हन ने अपने हाथ उन के हाथ पर रख दिए चुंबन करते करते दूल्हा ने चोली के बटन खोल दिया और खुली हुई चोली के अंदर हाथ डाल कर नंगे स्तन थाम लिए दुल्हन दूल्हे के सीने पर ढल गयी

मैं माधवी के पीछे खड़ा था. मेरे हाथ भी उस के कंधों पर टीके थे. उधर दूल्हे ने स्तन पकड़े तो इधर मैने भी माधवी के स्तन पकड़ लिया. माधवी ने मेरे हाथ हटाने की कोशिश की लेकिन मैं माना नहीं. थोड़ी नू ना के बाद उस ने मुझे स्तन सहालाने दिए लेकिन जब मैने नाइटी के हूक्स पर हाथ लगाया तब वो बोली : अभी नहीं, अंदर चलेंगे तब खोलना.